सेवा भारती द्वारा संचालित
माता जीवानी बाई कन्या छात्रावास में शिक्षा को सरल, मनोरंजक और जीवन से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। छात्रावास की बालिकाओं के लिए गणित विषय के एक मूलभूत सिद्धांत,
‘Big and Small Concept’ (बड़ा और छोटा की संकल्पना), को समर्पित एक विशेष शैक्षणिक गतिविधि का सफल आयोजन किया गया। यह पहल साबित करती है कि कठिन समझे जाने वाले विषयों को भी खेल-खेल में कितनी आसानी और गहराई से सिखाया जा सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में सेवा भारती का उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान देना नहीं है, बल्कि
व्यावहारिक और अनुभवात्मक शिक्षण पर जोर देना है। इसी सिद्धांत के तहत, गणित जैसे विषय को बालिकाओं के लिए आकर्षक बनाने हेतु इस रोचक गतिविधि की योजना बनाई गई। गणित की ‘Big and Small Concept’ एक्टिविटी का मुख्य केंद्र-बिंदु यह था कि बच्चे अमूर्त ज्ञान के बजाय
वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से तुलना करना सीखें।
इस एक्टिविटी के माध्यम से बच्चियों ने वस्तुओं के आकार और तुलना को सीधे अनुभव किया। शिक्षिकाओं ने विभिन्न आकारों की दैनिक उपयोग की वस्तुओं – जैसे गेंदें, बक्से, फल, पत्तियाँ, और रंगीन ब्लॉक्स – का उपयोग किया। गणित के 'बिग एंड स्मॉल कॉन्सेप्ट' को व्यावहारिक रूप से समझाने के लिए यह गतिविधि तीन चरणों में आयोजित की गई। पहले चरण, प्रत्यक्ष तुलना (Direct Comparison) में, बच्चों को जानबूझकर दो अलग-अलग आकार की वस्तुएँ दी गईं और उन्हें बिना किसी मापन उपकरण के यह पहचानने को कहा गया कि 'बड़ा' क्या है और 'छोटा' क्या है। इसके बाद, समूह कार्य (Group Activity) के रूप में, छात्राओं की छोटी-छोटी टोलियाँ बनाई गईं और उन्हें छात्रावास परिसर में भेजा गया, जहाँ उन्होंने वास्तविक उदाहरणों, जैसे 'बड़ा' पेड़ और 'छोटा' फूल, को खोजा। इस प्रक्रिया ने न केवल उनकी संख्यात्मक समझ को मजबूत किया, बल्कि उनमें सामूहिक कार्य की भावना भी विकसित की। अंत में, रचनात्मकता के प्रदर्शन के तहत, बच्चियों को अपनी पसंद की वस्तुओं के 'बड़े और छोटे' चित्र बनाने या कागज़ काटकर चिपकाने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे उन्होंने कला और गणित को एक साथ जोड़ा और अपनी अवधारणात्मक समझ को सृजनात्मक ढंग से व्यक्त किया।
माता जीवानी बाई कन्या छात्रावास सेवा भारती के समग्र विकास के दृष्टिकोण का केंद्र है। यह केवल रहने का स्थान नहीं है, बल्कि एक ऐसा वातावरण है जहाँ शिक्षा, संस्कार और व्यक्तिगत विकास को समान महत्व दिया जाता है। इस प्रकार की प्रायोगिक गतिविधियाँ यह सुनिश्चित करती हैं कि यहाँ की छात्राएँ न केवल शैक्षिक रूप से मजबूत हों, बल्कि जीवन जीने के कौशल (Life Skills) में भी दक्ष हों।
छात्रावास की शिक्षिकाओं ने बताया कि उनका प्रयास रहता है कि वे बच्चों को पारंपरिक रटने की विधि से दूर ले जाकर करके सीखने (Learning by Doing) की पद्धति को अपनाएँ। इस पहल में निरीक्षिका बहनों और सभी कार्यकर्ताओं का विशेष सहयोग रहा, जिन्होंने सामग्री जुटाने और बच्चों का मार्गदर्शन करने में सक्रिय भूमिका निभाई।
सेवा भारती द्वारा संचालित यह पहल, 'Big and Small Concept’ एक्टिविटी के माध्यम से, यह संदेश देती है कि शिक्षा बोझ नहीं, बल्कि एक आनंदमय यात्रा होनी चाहिए। बच्चों के चहुँमुखी विकास के लिए आवश्यक है कि शिक्षण पद्धतियाँ उनके आयु वर्ग के अनुकूल हों और उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा दें। माता जीवानी बाई कन्या छात्रावास की छात्राओं ने इस गतिविधि में भाग लेकर न केवल गणित सीखा, बल्कि यह भी जाना कि ज्ञान हमारे आसपास की दुनिया में ही मौजूद है, जिसे केवल जिज्ञासा और प्रयास से समझा जा सकता है।
यह कार्यक्रम सेवा भारती के उस सुंदर प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है, जो शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाकर देश के भविष्य को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है।
