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सेवा भारती द्वारा जनक जिला में भजन प्रतियोगिता का सफल समापन
- 2025-12-11 05:16:46
प्रतियोगिता में कुल आठ भजन मंडलियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। ये मंडलियाँ बस्तियों और स्थानीय समुदायों से आई थीं, जो इस बात का प्रमाण है कि सेवा भारती किस प्रकार जमीनी स्तर पर कार्य करती है। प्रत्येक मंडली ने भगवान के प्रति अपने समर्पण को सुरों, ताल और भावपूर्ण प्रस्तुतियों के माध्यम से व्यक्त किया।
प्रतियोगिता का स्तर अत्यंत उच्च था। मंडलियों ने विभिन्न संतों, कवियों और लोक परंपराओं से जुड़े भजनों का चयन किया। इन भजनों में सिर्फ संगीत ही नहीं था, बल्कि गहन दार्शनिक और सामाजिक संदेश भी निहित थे। निर्णायक मंडल (ज्यूरी) के लिए विजेता का चयन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, क्योंकि सभी मंडलियों ने 'एक से बढ़कर एक' श्रेष्ठ भजनों का प्रदर्शन किया। दर्शकों ने भी हर प्रस्तुति को तालियों की गड़गड़ाहट से सराहा, जिससे कलाकारों का उत्साहवर्धन हुआ और पूरे हॉल में एक भक्तिमय ऊर्जा का प्रवाह बना रहा।
कार्यक्रम में, जिला सेवा प्रमुख जी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में इस आयोजन के पीछे के सेवा भारती के व्यापक उद्देश्यों को स्पष्ट किया। उन्होंने विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के विषय पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष का लक्ष्य समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचना, सेवा कार्यों का विस्तार करना और राष्ट्र पुनर्निर्माण के यज्ञ में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भजन मंडलियों का आयोजन केवल मनोरंजन का साधन नहीं है। यह 'सामाजिक समरसता और संगठन' का एक शक्तिशाली माध्यम है। भजनों के माध्यम से लोगों को साथ लाना आसान होता है, सांस्कृतिक मूल्यों का संचार होता है और बस्तियों में सद्भाव एवं अनुशासन का माहौल बनता है। यह प्रयास सेवा भारती की उस दूरदर्शिता को दर्शाता है, जिसके तहत सांस्कृतिक उपकरणों का उपयोग सामाजिक रूपांतरण के लिए किया जाता है।
कार्यक्रम की सफलता का एक बड़ा श्रेय निरिक्षिका बहन एवं शिक्षिका बहनों को जाता है। इन समर्पित कार्यकर्ताओं ने पर्दे के पीछे रहकर इस पूरे आयोजन को सुव्यवस्थित और सफल बनाने में विशेष सहयोग दिया। मंच व्यवस्था से लेकर अतिथियों के सत्कार और मंडलियों के समन्वय तक, उन्होंने हर जिम्मेदारी को अत्यंत कुशलता और सेवा भाव से निभाया।
यह आयोजन सेवा भारती के स्वयंसेवकों की अटूट मेहनत, समर्पण और संगठनात्मक क्षमता का उदाहरण प्रस्तुत करता है। बस्तियों में निरंतर संपर्क बनाए रखना, मंडलियों को तैयार करना और उन्हें इस मंच तक लाना – यह सब बहनों और कार्यकर्ताओं के अथक प्रयास से ही संभव हो पाया। यह एकजुटता ही सेवा भारती की सबसे बड़ी शक्ति है।
प्रतियोगिता का समापन जिला अध्यक्ष जी द्वारा परिणामों की घोषणा के साथ हुआ। परिणाम की घोषणा से पहले, अध्यक्ष जी ने सभी सहभागी मंडलियों के प्रयास और भक्ति भावना की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में कोई हारने वाला नहीं है, क्योंकि सभी ने भक्ति और सेवा का संदेश फैलाया है।

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