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सेवा भारती की वैभवश्री पहल स्वावलंबन के दीप जलातीं बहनें
- 2025-10-17 05:24:46
दीपावली का महापर्व निकट आ रहा है, सेवा भारती दिल्ली के कौशल विकास केंद्रों में एक विशेष उत्साह और मेहनत का माहौल बन गया है। इस बार, दीपावली केवल रोशनी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण का भी पर्व है। सेवा भारती की एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल, 'वैभवश्री', के अंतर्गत प्रशिक्षित बहनें पूरी लगन से दिया, मोमबत्ती (कैंडल) और अन्य सजावटी वस्तुएँ बनाने के कार्य में जुटी हुई हैं।
15 वर्षों के सेवा समाचार संपादक के रूप में, मैं इस बात को ज़ोर देकर कहना चाहूँगा कि यह प्रयास केवल वस्तुओं का निर्माण नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के भविष्य का निर्माण है। यह उनके कौशल को आय में बदलने और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने का पुनीत अभियान है।
'वैभवश्री' पहल के माध्यम से, बस्ती और गरीब पृष्ठभूमि की महिलाओं को दीपावली जैसे बड़े त्योहारों के लिए बाज़ार की माँग के अनुरूप उत्पाद बनाने का व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इस वर्ष, बहनें पारंपरिक मिट्टी के दिए को रंगों और चमक से सजा रही हैं, जो भारतीय संस्कृति की अद्वितीय छटा बिखेर रहे हैं। इसके साथ ही, वे आकर्षक और खुशबूदार (अरोमा) मोमबत्तियाँ (कैंडल्स) भी तैयार कर रही हैं, जिनकी माँग शहरी क्षेत्रों में बहुत अधिक है। इन बहनों के हाथों का हुनर और रचनात्मकता इन उत्पादों में साफ झलकती है। वे हर दिए और मोमबत्ती को एक कलाकृति के रूप में तैयार कर रही हैं, जिससे ये उत्पाद बाज़ार में बिकने वाले महंगे उत्पादों को भी कड़ी टक्कर दे सकें।
इन बहनों के लिए, दिया और कैंडल बनाना केवल दैनिक कार्य नहीं है। यह उनकी आर्थिक स्वतंत्रता की ओर पहला कदम है। दीपावली के अवसर पर इन उत्पादों की बिक्री से होने वाली आय उन्हें और उनके परिवारों को आर्थिक मजबूती प्रदान करेगी। यह उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर जीवन के लिए सक्षम बनाएगी। सेवा भारती का यह प्रयास महिलाओं को केवल सहायता नहीं देता, बल्कि उन्हें सृजनकर्ता और उद्यमी बनने का अवसर देता है। यह उनकी क्षमता और प्रतिभा पर भरोसा करने का सुंदर उदाहरण है।